सच्चा अक़ीदा (इंजील : मुहाफ़िज़ 4:35-41) |
बुरी रूहें (इंजील : मुहाफ़िज़ 5:1-20) |
“पाक” और “नापाक” में फ़र्क़ (इंजील : मुहाफ़िज़ 7:1-23) |
मौत की पेशनगोई (इंजील : मुहाफ़िज़ 8:31-38) |
याह्या(अ.स) की पैदाइश का एलान (इंजील : लुक़ास 1:5-25) |
नेक बीबियाँ (इंजील : लुक़ास 1:26-56) |
याह्या(अ.स) की पैदाइश (इंजील : लुक़ास 1:57-80) |
ईसा(अ.स) की पैदाइश (इंजील : लुक़ास 2:1-24) |
ईसा(अ.स) ने गुनाहों को माफ़ किया और बीमारों को शिफ़ा दी (इंजील : लुक़ास 5:17-26) |
ईसा(अ.स) की तालीम (इंजील : लुक़ास 6:27-49) |
रोमी अफ़सर का अक़ीदा (इंजील : लुक़ास 7:1-30) |
फ़सल और मज़दूर (इंजील : लुक़ास 10:1-20) |
हमारा पड़ोसी कौन है? (इंजील : लुक़ास 10:25-37) |
खोई हुई भेड़ और सिक्के की मिसाल (इंजील : लुक़ास 15:1-10) |
खोए हुए बेटे की मिसाल (इंजील : लुक़ास 15:11-32) |
अल्लाह ताअला की बादशाहत (इंजील : लुक़ास 17:20-36) |
एक विधवा औरत (इंजील : लुक़ास 18:1-8) |
किसकी दुआ क़ुबूल हुई (इंजील : लुक़ास 18:9-17) |
कभी ना ख़त्म होने वाली ज़िंदगी (इंजील : लुक़ास 18:18-27) |
सब छोड़ा तो क्या मिला? (इंजील : लुक़ास 18:28-34) |
निजात पाने का तरीक़ा (इंजील : लुक़ास 19:1-10) |
झूठे इल्ज़ाम और उसकी सज़ा (इंजील : लुक़ास 23:1-56) |
क्या हम ईसा(अ.स) को पहचान पाएंगे? (इंजील : लुक़ास 24:1-53) |
निजात पाने का आसान तरीक़ा (इंजील : यूहन्ना 3:1-21) |
ज़िंदा पानी (इंजील : यूहन्ना 4:5-42) |
ज़िंदगी का दरिया (इंजील : यूहन्ना 7:37-39) |
माफ़ी (इंजील : यूहन्ना 8:1-12) |
ईसा(अ.स) की मौत पर क़ुदरत (इंजील : यूहन्ना 11:1-57) |
येरूशलम में तालीम (इंजील : यूहन्ना 12:1-50) |
नेक अमल (इंजील : यूहन्ना 13:1-20) |
मैं किस में हूँ (इंजील : यूहन्ना 14:12-31) |
अच्छी फ़सल का ईनाम (इंजील : यूहन्ना 15:1-17) |
बुराई या अच्छाई (इंजील : यूहन्ना 18:1-40, 19:1-6) |
मैं किसका चरवाहा हूँ? (इंजील : यूहन्ना 10:9-10, 14-18, 24-30) |
पेशनगोई सच हुई (इंजील : शागिर्दों के आमाल 1:3-14) |
क़यामत से पहले क्या होगा (इंजील : शागिर्दों के आमाल 2:1-47) |
अल्लाह ताअला ने अपना वादा पूरा किया (इंजील : शागिर्दों के आमाल 3:1-16) |
शागिर्दों पर यहूदियों का ज़ुल्म (इंजील : शागिर्दों के आमाल 4:1-35) |
जनाब स्तिफ़नुस की शहादत (इंजील : शागिर्दों के आमाल 6:7-15, 7:1-60) |
माँ-बाप और बच्चों के लिए हुक्म (इंजील : इफ़िसियों 6:1-4) |