यूसुफ़(अ.स) की ग़ुलामी (तौरैत : ख़िल्क़त 39:3-12, 16-23)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
[ईसा(अ.स) ने मौजूद लोगों को ख़ैरात के बारे में बताया। उन्होंने कहा:]