बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह ताअला ने इब्राहीम(अ.स) से एक अहद किया
तौरैत : ख़िल्क़त 17:1-14
जब इब्राहीम(अ.स) निंन्नानबे साल के थे तो अल्लाह ताअला ने उनसे कहा, “मैं हर चीज़ पर क़ुदरत रखता हूँ। मेरा कहना मानो और सीधे रास्ते पर चलो। अगर तुम ऐसा करोगे तो मैं तुमसे एक अहद करूँगा।(1) मैं वादा करता हूँ कि तुमसे एक बड़ी क़ौम बनाऊँगा।”(2) इब्राहीम(अ.स) ने अल्लाह ताअला को सज्दा किया। अल्लाह ताअला ने इब्राहीम(अ.स) से कहा,(3) “ये हमारे बीच हुए अहद का हिस्सा है, मैं तुमको बहुत सारे ख़ानदानों का बुज़ुर्ग बनाऊँगा।(4) मैं तुम्हारा नाम अब्राम से बदल कर इब्राहीम कर रहा हूँ, जो इस बात की निशानी है कि तुम उन सारे ख़ानदानों के बुज़ुर्ग होगे।(5) तुम्हारी नस्लें बहुत होंगी और नए ख़ानदान, बादशाह उन्हीं नस्लों में से होंगे।(6) ये अहद तुम्हारी आने वाली पुश्तों के लिए भी होगा और ये हमेशा चलता रहेगा। मैं तुम्हारा और तुम्हारी आने वाली नस्लों का भी रब हूँ।(7) मैं तुमको और तुम्हारी नस्लों को कन्नान मुल्क की ज़मीन दूँगा, जिसमें तुम सफ़र कर रहे हो, और ये ज़मीन हमेशा के लिए तुम्हारी हो जाएगी।”(8)
अल्लाह ताअला ने इब्राहीम(अ.स) से ये भी कहा, “तुम और तुम्हारी हर दौर में आने वाली नस्लें जो तुम्हारे बाद आएंगी, इस अहद को मानेंगी।(9) हमारे, तुम्हारे, और तुम्हारी आने वाली नस्लों के बीच जो अहद हुआ है उसकी निशानी के लिए हर मर्द की ख़तना करनी होगी।(10) तुम भी हमारे बीच हुए इस अहद की निशानी के लिए अपनी ख़तना कराओ।(11) जब लड़का आठ दिन का होगा तो उसकी ख़तना कराना।(12) हर दौर का बच्चा जो तुम्हारे ख़ानदान में पैदा हुआ हो या किसी परदेसी से ख़रीदा हो।(12) हर लड़के की ख़तना करना ज़रूरी है, चाहे वो तुम्हारे घर मैं पैदा हुआ हो या नौकरी के लिए किसी से ख़रीदा हो। हमारे बीच हुए इस अहद की निशानी तुम्हारे जिस्म पर हमेशा रहेगी।(13) हर वो मर्द जिसकी ख़तना नहीं हुई होगी उसको ख़ानदान से निकाल दिया जाएगा क्यूँकि उसने इस अहद को तोड़ा है।”(14)