बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
नेकी का पेड़
तौरैत : यशायाह 61
अल्लाह रब्बुल अज़ीम ने अपनी ताक़त मुझ में फूँकी है।
अल्लाह ताअला ने मुझे चुना है
कि मैं परेशान लोगों को अच्छी ख़बर सुनाऊँ।
उसने मुझे टूटे दिल वालों को शिफ़ा देने के लिए भेजा है,
और उन लोगों को आज़ाद करने के लिए कि जो क़ैद हैं,
मुझे ये ऐलान करने भेजा गया है
कि अल्लाह ताअला की ख़ास मेहरबानी का वक़्त आ गया है,
और उस दिन के बारे में बताने के लिए कि जब बुरे लोगों को सज़ा मिलेगी।
ताकि जो लोग ग़म से भरे हुए हैं उन्हें ये सुन कर सुकून मिल सके।(2)
मेरे वतन की ज़मीन पर जो भी तकलीफ़ में होगा,
मैं उनके सरों से राख़ हटा कर ताज पहनाऊँगा।
उनके ग़म ले कर ख़ुशी अता करूँगा,
मायूसी की जगह उम्मीद की चादर अता करूँगा।
तब वो लोग नेकी का एक बड़ा पेड़ कहलाएंगे,
वो लोग कई पुश्तों पहले तबाह हो चुके,
शहरों को फिर से आबाद करेंगे।
अनजान लोग आएंगे और तुम्हारी भेड़ों को चराया करेंगे।
दूसरे मुल्क के लोगों के बच्चे तुम्हारे किसान होंगे
तुमको अल्लाह ताअला का इमाम कहा जाएगा,
लोग कहेंगे कि तुम ही अल्लाह ताअला के ख़िदमतगार बन्दे हो।
तुम्हारे पास सारी दुनिया के ख़ज़ाने होंगे।
तुम को बेइज़्ज़ती के बजाए तुम्हारे हक़ का दो गुणा दिया जाएगा।
तुम्हारे लोग बदनामी से बच जाएंगे और उसी में ख़ुश रहेंगे जितना उनके पास है।
उनको अपनी ज़मीनों में दुगना हिस्सा मिलेगा,
क्यूँकि अल्लाह ताअला कहता है, “मैं तुम्हारा रब हूँ, जिसको इंसाफ़ पसंद है।”
मैं लूट-पाट और हर ग़लत काम से नफ़रत करता हूँ।
मैं इंसाफ़ करूँगा और लोगों को वही दूँगा जिसके वो हक़दार हैं।
और उनकी औलादें दूसरे ख़ानदानों में मशहूर होंगी,
और उनसे पैदा होने वाली नस्लें सब लोगों में।
जो भी उन्हें देखेगा वो उन्हें पहचान लेगा
क्यूँकि ये वो लोग होंगे कि जिनको अल्लाह ताअला ने बरकत से नवाज़ा होगा।(9)
मैं अपने रब से बहुत ख़ुश हूँ!
मेरा दिल अल्लाह रब्बुल अज़ीम की हम्द-ओ-सना करता है,
क्यूँकि उसने मुझे निजात के कपड़े अता किए हैं,
और मुझे नेकी के लिबास में लपेट दिया है।
मैं इस तरह से सजा हूँ कि जिस तरह एक दूल्हा अपनी शादी के लिए तैयार हुआ हो;
जिस तरह से ज़मीन पेड़ों को उगने में मदद करती है,
और एक बाग़ बीजों से कोपलें फूटने में;
इसी तरह से, अल्लाह रब्बुल अज़ीम नेकी को क़ायम करेगा,
और अपनी तारीफ़ दुनिया के हर ख़ानदान और क़ौम के सामने करवायेगा।(11)