बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह ताअला का नूह(अ.स) से वादा
तौरैत : ख़िल्क़त 9:1-17
अल्लाह ताअला ने नूह(अ.स) और उनके बेटों को बरकत दी और कहा, “बच्चे पैदा करो और ज़मीन को अपने लोगों से आबाद करो।(1) ज़मीन का हर जानवर, हर चिड़िया, ज़मीन पर हर रेंगने वाले जानवर, पानी की मछलियाँ भी तुमसे डरेंगी और तुम उन सब पर हुकूमत करोगे।(2) पहले मैंने तुमको पेड़ पौधे खाने को दिए थे लेकिन अब मैं तुमको जानवर भी दे रहा हूँ जिनको तुम खा सकते हो। मैं तुमको ज़मीन की हर चीज़ देता हूँ, वो तुम्हारी है,(3) लेकिन मैं तुम को हुक्म देता हूँ कि तुम वो गोश्त मत खाना जिसमें जान और ख़ून हो।(4) मैं इंसान और जानवर दोनों से हिसाब लूँगा जो इंसान को क़त्ल करेगा(5) क्यूँकि ‘मैंने इंसान को अपना नुमाइंदा बनाया है।’ जो कोई भी इंसान की जान लेगा तो उसे भी मौत की सज़ा मिलेगी,(6) लेकिन मैंने तुम से कहा है कि बच्चे पैदा करो और ज़मीन को आबाद करो।”(7)
तब अल्लाह ताअला ने नूह(अ.स) और उनके बेटों से कहा,(8) “मैं अब तुमसे, तुम्हारे बाद की आने वाली नस्लों से, ज़मीन की हर जानदार चीजों से, सारी चिड़ियों से, सारे घरेलू जानवरों से, जंगली जानवरों और(9) हर उस जानदार चीज़ से वादा करता हूँ जो तुम्हारे साथ कश्ती पर सवार थीं।(10) मेरा ये तुमसे वादा है: ज़मीन पर कभी भी बाढ़ से ऐसी ज़िन्दगी बर्बाद नहीं करूँगा और ना ही बाढ़ ज़मीन को ऐसे बर्बाद करेगी।”(11) अल्लाह ताअला ने कहा, “मैं तुमको एक निशानी देता हूँ जो तुम्हारी आने वाली नस्लों के और हर ज़िंदा चीज़ के बीच हुए अहद को याद दिलाएगी।(12) मैं बादलों में एक इन्द्रधनुष लगा रहा हूँ जो मेरे और ज़मीन के बीच हुए अहद की निशानी होगी।(13) जब भी मैं ज़मीन के ऊपर बादलों को लाऊँगा और उस पर इन्द्रधनुष नज़र आएगा, तो(14) मैं उस अहद को याद करूँगा जो मेरे, तुम्हारे, और ज़मीन की हर जानदार चीज़ के बीच हुआ है। ये अहद है, कि ‘बाढ़ कभी भी पूरी ज़मीन की जानदार चीज़ों को तबाह नहीं करेगी।’(15) जब बादलों पर इन्द्रधनुष नज़र आएगा तो मैं याद रखूँगा के ये अहद हमेशा बरक़रार रहेगा। मैं याद रखूँगा कि ये अहद मेरे और ज़मीन की हर जानदार चीज़ के बीच है।”(16) तो अल्लाह ताअला ने नूह(अ.स) से कहा, “ये इन्द्रधनुष मेरे और हर ज़िंदा चीज़ के बीच हुए अहद की पक्की निशानी है।”(17)