बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
नेक बीबियाँ
इंजील : लुक़ास 1:26-56
बीबी एलिशिबा जब हामिला थीं तो शुरू के छः महीने के दौरान अल्लाह ताअला ने अपने फ़रिश्ते जिब्राईल(अ.स) को एक कुंवारी पाकदामन लड़की के पास भेजा जो नाज़रेथ शहर के गलील नाम की जगह पर रहती थी। उस लड़की की शादी जनाब यूसुफ़ नाम के एक आदमी से तय हुई थी जो दाऊद(अ.स) के ख़ानदान से थे। उस पाकदामन लड़की का नाम बीबी मरयम था।(26-27) फ़रिश्ता उनके पास आया और कहा, “मुबारक हो! अल्लाह ताअला ने आपको बरकत दी है और वो आप पर मेहरबान है।”(28) लेकिन बीबी मरयम ये बात सुन कर परेशान हो गईं और सोच में पड़ गईं, “इस बात का क्या मतलब है?”(29)
फ़रिश्ते ने उनसे कहा, “घबराइए नहीं। ये इसलिए है क्यूँकि अल्लाह रब्बुल अज़ीम आपसे बहुत ख़ुश है।(30) सुनिए! आप हामिला होंगी और एक लड़के को पैदा करेंगी। उस लड़के का नाम आप ईसा रखिएगा।(31) वो इतना ज़्यादा अज़ीम होगा कि लोग कहेंगे कि वो सबसे अज़ीम बादशाह का वारिस है। अल्लाह ताअला उसे उसी के बुज़ुर्ग, बादशाह दाऊद, की बादशाही अता करेगा।(32) वो हमेशा इब्रानियों पर हुकूमत करेगा और उसकी बादशाही कभी भी ख़त्म नहीं होगी।”(33)
बीबी मरयम ने फ़रिश्ते से कहा, “ये सब कैसे होगा? मैं तो एक कुंवारी लड़की हूँ।”(34) फ़रिश्ते ने बीबी मरयम से कहा, “अल्लाह रब्बुल आलमीन अपनी रूह और क़ुदरत से ये करेगा। इसलिए, ये बच्चा जब पैदा होगा तो लोग उसको आदम की तरह समझेंगे,[a] जिसको अल्लाह ताअला ने ख़ुद बनाया, और अल्लाह ताअला का पाक मसीहा कहलाएगा।(35) सुनिए! बीबी एलिशिबा, आपकी रिश्तेदार, जिसके बारे में लोग कहते थे कि वो बाँझ है, वो भी छः महीने से हामिला है।(36) अल्लाह रब्बुल आलमीन के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं!”(37) बीबी मरयम ने फ़रिश्ते से कहा, “मैं अल्लाह ताअला की ख़िदमत में हाज़िर हूँ। मैं दुआ करती हूँ कि ऐसा ही हो जैसा आप कह रहे हैं!” और फिर फ़रिश्ता वहाँ से चला गया।(38)
फिर बीबी मरयम जल्दी से तैयार होकर अपने कस्बे में गईं जो मुल्क यहूदिया में था।(39) वोज़करिया(अ.स) के घर गईं और वहाँ जा कर बीबी एलिशिबा को मुबारकबाद पेश करी।(40) जब बीबी एलिशिबा ने बीबी मरयम की मुबारकबाद को सुना तो उनके पेट में जो बच्चा था वो उछला और बीबी एलिशिबा अल्लाह ताअला के नूर से रोशन हो गईं।(41) वो बहुत तेज़ आवाज़ में ख़ुश होकर बोलीं, “अल्लाह ताअला ने आपको सब औरतों से ज़्यादा बरकत दी है और वो बच्चा भी बरकत पाएगा जिसे आप पैदा करेंगी।(42) आप हमारे मसीहा की माँ हैं और मेरे पास यहाँ आई हैं! क्या मैं इतनी ख़ुशनसीब हूँ?(43) जब मैंने आपकी आवाज़ सुनी, तो पेट में मेरा बच्चा ख़ुशी से उछल पड़ा।(44) अल्लाह ताअला ने आपको बरकत दी है क्यूँकि आप ने उसके कलाम पर यक़ीन किया था।”(45)
ये बातें सुन कर बीबी मरयम ने कहा,
“मैं अल्लाह ताअला की नाचीज़ बंदी हूँ, लेकिन फिर भी वो मेरी हिमायत करता है।
और अब, सारी नस्लें मुझे मुबारक कहेंगी,(48)
क्यूँकिअल्लाह रब्बुल अज़ीम ने मेरे लिए बड़ा काम किया है।
“अल्लाह रब्बुल करीम हमेशा रहम करता है,
उन लोगों पर जो उस पर यक़ीन रखते हैं,
“अल्लाह ताअला की क़ुदरत ने बड़े-बड़े काम किए हैं।
उसने उन लोगों को भटका दिया
जो ख़ुद पर ग़ुरूर करते थे और अपने बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते थे।(51)
“अल्लाह ताअला ने ज़ालिम बादशाहों को उनके तख़्त से उतार फेंका,
“अल्लाह रब्बुल करीम भूखों को नेमतें देने वाला है
“इब्रानियों में से जिसने अल्लाह ताअला की ख़िदमत करी, वो उसी की मदद करता है।
“उसने हमेशा इब्राहीम(अ.स) पर और उनकी औलादों पर करम करा,
बीबी मरयम बीबीएलिशिबा के पास तीन महीने रहीं और फिर अपने घर वापस लौट आईं।(56)