इब्राहीम(अ.स) की क़ुर्बानी (तौरैत : ख़िल्क़त 22:1-19)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
[अल्लाह रब्बुल आलमीन का इरशाद है:]
बुलंद आवाज़ में फ़रियाद करो, जिस तरह से बिगुल से आवाज़ निकलती है।
जितना तेज़ हो सके उतना ज़ोर से फ़रियाद करो।
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम