शिफ़ा (इंजील : मत्ता 8:5-17) और पढ़ना शिफ़ा (इंजील : मत्ता 8:5-17) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
ईसा(अ.स) इबादतगाह में आए (इंजील : मत्ता 21:12-32) और पढ़ना ईसा(अ.स) इबादतगाह में आए (इंजील : मत्ता 21:12-32) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
माँगो, तलाश करो, और दस्तक दो। (इंजील : मत्ता 7:1-14) और पढ़ना माँगो, तलाश करो, और दस्तक दो। (इंजील : मत्ता 7:1-14) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
कौन लोग मुबारक हैं? (इंजील : मत्ता 5:1-16) और पढ़ना कौन लोग मुबारक हैं? (इंजील : मत्ता 5:1-16) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम कौन लोग मुबारक हैं?इंजील : मत्ता 5:1-16जब ईसा(अ.स) के पास बहुत सारे लोग आए तो वो एक ऊँची जगह पर अपने शागिर्दों के साथ बैठ गए ।(1) फिर उन्होंने सबको तालीम देना शुरू की और कहा:(2)
अल्लाह रब्बुल अज़ीम की सल्तनत की मिसालें (इंजील : मत्ता 13:24-52) और पढ़ना अल्लाह रब्बुल अज़ीम की सल्तनत की मिसालें (इंजील : मत्ता 13:24-52) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
याह्या(अ.स) की तालीम (इंजील : मत्ता 3:1-17) और पढ़ना याह्या(अ.स) की तालीम (इंजील : मत्ता 3:1-17) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
ईसा(अ.स) के बारह शागिर्द (इंजील : मत्ता 10:1-33) और पढ़ना ईसा(अ.स) के बारह शागिर्द (इंजील : मत्ता 10:1-33) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह ताअला की पसन्द (इंजील : मत्ता 5:17-48) और पढ़ना अल्लाह ताअला की पसन्द (इंजील : मत्ता 5:17-48) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
इन्साफ़ का दिन (इंजील : मत्ता 25:31-46) और पढ़ना इन्साफ़ का दिन (इंजील : मत्ता 25:31-46) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम इन्साफ़ का दिन इंजील : मत्ता 25:31-46[ईसा(अ.स) ने इन्साफ़ के दिन के बारे में बताया। उन्होंने कहा,] “आदमी का बेटा पूरे नूर और ताक़त के साथ लौटेगा। वो फ़रिश्तों के साथ वापस आएगा और अपने तख़्त पर बैठेगा।(31)
जनाब यूसुफ़ का ख़्वाब (इंजील : मत्ता 1:18-25) और पढ़ना जनाब यूसुफ़ का ख़्वाब (इंजील : मत्ता 1:18-25) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम