किताबों पर ईमान लाए (क़ुरान : अल-बक़रः 2:136-138, 285; आले-इमरान 3:84) |
ख़ुदा की बातों को कोई बदलने वाला नहीं है (क़ुरान : अल-अनआम 6:34; अल-माइदा 5:46-48) |
दुनिया की ख़िल्क़त (तौरैत : ख़िल्क़त 1:1-31, 2:1-3) |
आदमी, अदन, और औरत (तौरैत : ख़िल्क़त 2:4-25) |
शैतान की चालबाज़ी (तौरैत : ख़िल्क़त 3:1-13) |
नाफ़रमानी: अल्लाह ताअला का जवाब: माफ़ी (तौरैत : ख़िल्क़त 3:14-24) |
हाबील और क़ाबील (तौरैत : ख़िल्क़त 4:1-16) |
नूह(अ.स) और उनकी कश्ती (तौरैत : ख़िल्क़त 6:5-22) |
बाढ़ का अज़ाब (तौरैत : ख़िल्क़त 7:1-24) |
इस्हाक़(अ.स) की पैदाइश (तौरैत : ख़िल्क़त 17:15-26; 21:2, 4, 6, 8) |
एक नई शुरुआत (तौरैत : ख़िल्क़त 8:1-22) |
अल्लाह ताअला का नूह(अ.स) से वादा (तौरैत : ख़िल्क़त 9:1-17) |
इब्राहीम(अ.स) और उनकी क़ौम, नस्लों को बरकत (तौरैत : ख़िल्क़त 12:1-7) |
इस्माईल(अ.स) की पैदाइश (तौरैत : ख़िल्क़त 16:1-16) |
अल्लाह ताअला ने इब्राहीम(अ.स) से एक अहद किया (तौरैत : ख़िल्क़त 17:1-14) |
बीबी हाजिरा और इस्माईल(अ.स) (तौरैत : ख़िल्क़त 21:9-21) |
इब्राहीम(अ.स) की क़ुर्बानी (तौरैत : ख़िल्क़त 22:1-19) |
इब्राहीम(अ.स) से याक़ूब(अ.स) तक (तौरैत : ख़िल्क़त 23:1-2, 25:7-10, 35:28-29) |
यूसुफ़(अ.स) और उनके भाई (तौरैत : ख़िल्क़त 42:1-3, 6-8, 25, 26; 43:2,19-34; 45:1-11, 25-26a, 28; 46:2-7) |
याक़ूब(अ.स) और उनके ख़ानदान वाले मिस्र में फले-फूले (तौरैत : ख़िल्क़त 46:29-30; 47:5-6, 27; 48:1, 8-11, 21; 49:33; 50:22-24) |
औलाद का वादा (तौरैत : ख़िल्क़त 15:1-7, 13-16) |
यूसुफ़(अ.स) की ग़ुलामी (तौरैत : ख़िल्क़त 39:3-12, 16-23) |
यूसुफ़(अ.स) का मिस्र का सफ़र (तौरैत : ख़िल्क़त 37:1-11, 18, 21-36) |
ख़्वाबों की ताबीर (तौरैत : ख़िल्क़त 40:1-23, 41:9, 12-27, 33-40, 46-47, 49, 55-57) |
मूसा(अ.स) की ज़िन्दगी (तौरैत : हिजरत 2:1-25) |
मिस्र के फ़िरौन को पैग़ाम (तौरैत : हिजरत 3:1-22) |
अल्लाह ताअला की निशानियाँ (तौरैत : हिजरत 4:1-17) |
अल्लाह ताअला का वादा (तौरैत : हिजरत 6:1-2, 4-12, 7:1-7) |
फ़िरौन की नाफ़रमानी (तौरैत : हिजरत 11:1-10) |
फ़िरौन और उसकी क़ौम पर अज़ाब (तौरैत : हिजरत 12:1-32) |
इब्रानियों का सफ़र (तौरैत : हिजरत 12:33-40, 14:5-31) |
इब्रानियों से अहद (तौरैत : हिजरत 19:1-9, 20:1-21) |
याक़ूब(अ.स) की औलादें मिस्र में बसती हैं (तौरैत : हिजरत 1:5-12, 22) |
किताब और अहद का ख़ून (तौरैत : हिजरत 24:1-18) |
सोने का बुत (एक गाय) (तौरैत : हिजरत 32:1-35) |
गुनाहों की माफ़ी के लिए क़ुर्बानी (तौरैत : आलिम-ए-दीन का क़ानून 5:17-19) |
अल्लाह रब्बुल आलमीन से मोहब्बत करो (तौरैत : इआदा 6:1-25) |
प्यार का अहद (तौरैत : इआदा 7:9-12, 8:1-5, 31:24-29) |
मूसा(अ.स) ने क़ानून की किताबों को लिख कर पूरा किया (तौरैत : इआदा 31:24-29) |
अहद का संदूक (तौरैत : 2 समूएल 7:1-17) |