यूसुफ़(अ.स) और उनके भाई (तौरैत : ख़िल्क़त 42:1-3, 6-8, 25, 26; 43:2,19-34; 45:1-11, 25-26a, 28; 46:2-7)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
यूसुफ़(अ.स) और उनके भाई
तौरैत : ख़िल्क़त 42:1-3, 6-8, 25, 26; 43:2,19-34; 45:1-11, 25-26a, 28; 46:2-7
बेहतरीन ज़िंदगी का नुस्ख़ा (ज़बूर 34)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बेहतरीन ज़िंदगी का नुस्ख़ा
ज़बूर 34
मैं हमेशा अल्लाह ताअला का शुक्रगुज़ार रहूँगा;
मैं कभी भी उसकी हम्द-ओ-सना करना बंद नहीं करूँगा।(1)
मैं उसकी नेमतों का शुक्रिया अदा करता हूँ;
गुनाहों की माफ़ी के लिए क़ुर्बानी (तौरैत : आलिम-ए-दीन का क़ानून 5:17-19)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
हिकमत की कहावतें (ज़बूर : कहावतें 3:5-8; 1:7; 29:25; 12:15; 15:32; 18:10; 21:3; 4:23)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
हिकमत की कहावतें
ज़बूर : कहावतें 3:5-8; 1:7; 29:25; 12:15; 15:32; 18:10; 21:3; 4:23
निजात पाने का आसान तरीक़ा (इंजील : यूहन्ना 3:1-21)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम