इब्रानियों से अहद (तौरैत : हिजरत 19:1-9, 20:1-21) और पढ़ना इब्रानियों से अहद (तौरैत : हिजरत 19:1-9, 20:1-21) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
फ़िरौन की नाफ़रमानी (तौरैत : हिजरत 11:1-10) और पढ़ना फ़िरौन की नाफ़रमानी (तौरैत : हिजरत 11:1-10) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
किताब और अहद का ख़ून (तौरैत : हिजरत 24:1-18) और पढ़ना किताब और अहद का ख़ून (तौरैत : हिजरत 24:1-18) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
इब्रानियों का सफ़र (तौरैत : हिजरत 12:33-40, 14:5-31) और पढ़ना इब्रानियों का सफ़र (तौरैत : हिजरत 12:33-40, 14:5-31) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
सोने का बुत (एक गाय) (तौरैत : हिजरत 32:1-35) और पढ़ना सोने का बुत (एक गाय) (तौरैत : हिजरत 32:1-35) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
मूसा(अ.स) की ज़िन्दगी (तौरैत : हिजरत 2:1-25) और पढ़ना मूसा(अ.स) की ज़िन्दगी (तौरैत : हिजरत 2:1-25) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह ताअला की निशानियाँ (तौरैत : हिजरत 4:1-17) और पढ़ना अल्लाह ताअला की निशानियाँ (तौरैत : हिजरत 4:1-17) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह ताअला का वादा (तौरैत : हिजरत 6:1-2, 4-12, 7:1-7) और पढ़ना अल्लाह ताअला का वादा (तौरैत : हिजरत 6:1-2, 4-12, 7:1-7) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
मिस्र के फ़िरौन को पैग़ाम (तौरैत : हिजरत 3:1-22) और पढ़ना मिस्र के फ़िरौन को पैग़ाम (तौरैत : हिजरत 3:1-22) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
याक़ूब(अ.स) की औलादें मिस्र में बसती हैं (तौरैत : हिजरत 1:5-12, 22) और पढ़ना याक़ूब(अ.स) की औलादें मिस्र में बसती हैं (तौरैत : हिजरत 1:5-12, 22) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम याक़ूब(अ.स) की औलादें मिस्र में बसती हैंतौरैत : हिजरत 1:5-12, 22याक़ूब(अ.स) की सत्तर औलादें मिस्र में आ गयी थीं और यूसुफ़(अ.स) पहले से ही वहाँ मौजूद थे।(5)