यशायाह

मेरा नेक ख़ादिम (तौरैत : यशायाह 53:1-12)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

मेरा नेक ख़ादिम

तौरैत : यशायाह 53:1-12

[ये यशायाह(अ.स) ने अल्लाह ताअला के आने वाले मसीहा के बारे में बताया है:]

कौन हमारे पैग़ाम पर ईमान लाया?

कलाम की ताक़त (तौरैत : यशायाह 55:1-3, 6-13)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

कलाम की ताक़त

तौरैत : यशायाह 55:1-3, 6-13

आओ, तुम में से जो भी प्यासा है,

पानी के पास आओ;

और जिसके पास पैसे नहीं हैं,

वो लोग आओ और ख़रीद कर खाओ!

आओ, और आ कर अंगूर और दूध ख़रीदो।

नेकी का पेड़ (तौरैत : यशायाह 61 )

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

नेकी का पेड़

तौरैत : यशायाह 61

अल्लाह रब्बुल अज़ीम ने अपनी ताक़त मुझ में फूँकी है।

अल्लाह ताअला ने मुझे चुना है

कि मैं परेशान लोगों को अच्छी ख़बर सुनाऊँ।

उसने मुझे टूटे दिल वालों को शिफ़ा देने के लिए भेजा है,

ईसा(अ.स) के बारे में अल्लाह ताअला का पैग़ाम (तौरैत : यशायाह 42:1-9)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

ईसा(अ.स) के बारे में अल्लाह ताअला का पैग़ाम

तौरैत : यशायाह 42:1-9

“देखो मेरे ख़ादिम को, जिसकी मैं हिफ़ाज़त करता हूँ।

इसको मैंने चुना है और ये मुझे बहुत ख़ुशी देता है।

क्या तुम्हारा रोज़ा क़ुबूल हुआ? (तौरैत : यशायाह 58:1-14)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

क्या तुम्हारा रोज़ा क़ुबूल हुआ?

तौरैत : यशायाह 58:1-14

[अल्लाह रब्बुल आलमीन का इरशाद है:]

बुलंद आवाज़ में फ़रियाद करो, जिस तरह से बिगुल से आवाज़ निकलती है।

जितना तेज़ हो सके उतना ज़ोर से फ़रियाद करो।

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