बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अहद का संदूक
तौरैत : 2 समूएल 7:1-17
अल्लाह ताअला ने इब्रानियों के बादशाह, दाऊद(अ.स), को उनके चारों तरफ़ फैले दुश्मनों से महफ़ूज़ कर दिया था। इसलिए दाऊद(अ.स) एक महल में सुकून से रह रहे थे।(1) तब उन्होंने पैग़म्बर नाथन(अ.स) से कहा, “देखिए मैं एक महंगी लकड़ी से बने हुए एक आलीशान महल में रहता हूँ, लेकिन अल्लाह ताअला के अहद का संदूक़ अभी भी एक टेंट में रखा हुआ है! ये वो संदूक़ है जिसमें अल्लाह ताअला के क़ानून वाली स्लेटें हैं और तौरैत शरीफ़ की वो किताबें हैं जो मूसा(अ.स) ने लिखी हैं।”(2)
तो नाथन(अ.स) ने बादशाह से कहा, “आप जो भी करना चाहते हैं, उसे करिए और अल्लाह ताअला आपकी मदद करेगा क्यूँकि आप उसकी इज़्ज़त करते हैं।”(3)
उस रात नाथन(अ.स) को अल्लाह ताअला का पैग़ाम मिला। अल्लाह ताअला ने उनसे कहा,(4) “जाओ और मेरे ख़ादिम दाऊद से कहो, ‘मैंने ये कहा है: तुम मेरे लिए घर क्यूँ बनाना चाहते हो?(5) जब मैं तुम लोगों को मिस्र से बाहर निकाल कर लाया था, तब मुझे घर की ज़रुरत नहीं थी। जिस तरह से तुम्हारे लोग टेंट में घूमते-फिरते हैं, मैं भी उनके पास ही हूँ।(6) क्या मैंने कभी इब्रानी रहनुमाओं से कहा, (जो इब्रानियों की देखभाल करते थे) कि मेरे लिए एक लकड़ी का घर बनाओ?’”(7)
तब अल्लाह ताअला ने नाथन(अ.स) से कहा, “मेरे ख़ादिम दाऊद से कहना, ‘अल्लाह रब्बुल अज़ीम ने ये कहा है: मैंने तुमको चरवाहे वाले काम से हटा कर इब्रानियों का रहनुमा बनाया है।(8) तुम जहाँ भी गए मैं तुम्हारे साथ हर वक़्त रहा। मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारे दुश्मनों को हराया। जिस तरह से ज़मीन पर कुछ लोगों के नाम अज़ीम हैं, मैं तुम्हारे नाम को भी अज़ीम कर दूँगा।(9) मैं इब्रानियों के लिए एक महफ़ूज़ जगह बनाऊँगा, ताकि वो अपने घरों में रह सकें और उनको कोई परेशान ना कर सके। बुरे लोग अब उनको और परेशान नहीं कर पाएंगे जैसा कि पहले करते थे।(10) ना ही वो अब अपने आपको मुश्किल में डाल पाएंगे जैसा कि उन्होंने पहले अपना रहनुमा चुन कर किया था। दाऊद, मैं तुम्हें तुम्हारे सारे दुश्मनों से निजात दूँगा और तुम्हारे घराने को बहुत मज़बूत कर दूँगा।(11)
“‘जब तुम्हारा वक़्त क़रीब आएगा, तो तुम्हारा भी इंतिक़ाल होगा। उस वक़्त मैं तुम्हारे बेटों में से एक को बादशाह बनाऊँगा।(12) वो मेरी इज़्ज़त के लिए एक पाक घर बनवाएगा और फिर मैं उसकी नस्लों को इस सल्तनत पर हमेशा के लिए हुकूमत करने दूँगा।(13) मैं उसका पालने वाला हूँ और वो मेरा ख़ास बंदा होगा। वो जब भी कुछ ग़लत काम करेगा तो मैं उसको लोगों से सज़ा दिलवाऊँगा। वो लोग मेरे लिए उसकी ग़लतियों को सुधारेंगे।[a](14)
“‘लेकिन, मैं उसको प्यार करना नहीं छोडूँगा। मैंने अपनी मोहब्बत और रहम बादशाह शाऊल से छीन ली थी, जो तुमसे पहले हुकूमत करता था। मैंने उसको बादशाहत से हटा दिया क्यूँकि उसने मेरे क़ानून पर अमल नहीं करा था।(15) लेकिन, तुम्हारा घराना और तुम्हारी सल्तनत मेरे सामने हमेशा रहेगी और तुम्हारी हुकूमत कभी भी ख़त्म नहीं होगी।’”(16)
जब वो अल्लाह ताअला का पैग़ाम सुन चुके, तो नाथन(अ.स) ने आ कर दाऊद(अ.स) से वो सब बताया जो अल्लाह ताअला ने उनसे बताने के लिए कहा था।(17)