बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह की मदद के लिए शुक्रगुज़ारी
ज़बूर 138
या अल्लाह रब्बुल करीम, मैं पूरे दिल से तेरा शुक्रिया अदा करता हूँ;
मैं तेरे पाक मुक़ामों की तरफ़ ताज़ीम में झुकता हूँ।
तूने अपना नाम अज़ीम करा है,
जिस वक़्त भी मैंने तुझे पुकारा, तूने जवाब दिया।
ए मेरे रब, ज़मीन के सारे बादशाह तेरा शुक्रिया अदा करेंगे,
हाँ! वो सब तेरे कमाल को देख कर नग़में गाएंगे।
ए अल्लाह! तू सबसे ज़्यादा अज़ीम है।
तू नर्म दिल वाले लोगों का ख़्याल रखता है,
जब मैं परेशानियों से घिरा होऊँगा,
तो, ए मेरे रब, तू मेरी मदद करेगा।
जब मेरे दुश्मन मुझसे नफ़रत करेंगे,
ए मेरे रब! तू हर उस नेमत को मेरे पास लाएगा जो तूने मेरे लिए तय करी है।
और, ए मेरे परवरदिगार, तेरी ये मोहब्बत हमेशा क़ायम रहेगी।