नया दिल और नई रूह (तौरैत : हिज़कीएल 36:16-38) और पढ़ना नया दिल और नई रूह (तौरैत : हिज़कीएल 36:16-38) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम