गुनाहों की माफ़ी के लिए क़ुर्बानी (तौरैत : आलिम-ए-दीन का क़ानून 5:17-19) और पढ़ना गुनाहों की माफ़ी के लिए क़ुर्बानी (तौरैत : आलिम-ए-दीन का क़ानून 5:17-19) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम